Short Stories for Kids
बहुत समय पहले की बात हैं, रामपुर नाम के गाँव में महेश नाम का एक मछुआरा और उसकी पत्नी रहती थी |उसका परिवार बहुत ही गरीब था | महेश को अपना परिवार संभालना पड़ता था और वह अपने परिवार का गुजरा मछलियाँ पकड़कर करता था | महेश और उसकी पत्नी अपने जीवन में सुखी थे | रामपुर गाँव में एक बड़ा और सुन्दर तालाब था | उस तालाब में बोहोत सारी मछलियाँ थी | दूर दूर से लोग मछलियाँ पकड़ने और खरीदने आते थे |
महेश रोज तालाब पर जाकर बोहोत सारी मछलियाँ पकडता और बाजार में बेचता था | एक दिन जब महेश बाजार में मछलियाँ बेच रहा था तब उसने अपने दोस्त राकेश को एक बड़ी मछली बेचते हुए देखा और उस एक मछलीके राकेश को बोहोत अच्छे दाम मिले | यह देखकर राकेश ने मन में सोचा में इतनी सारी छोटी छोटी मछलियाँ बेचकर इतना नहीं कमाता | जितना रमेश ने एक मछली बेचकर इतना जादा दाम कमा लिया | अब कल से में भी एक बड़ी मछली ही पकडूँगा और बोहोत सारे पैसे कमाऊंगा |
अगले दिन सुबह जल्दी उठकर महेश मछलियाँ पकड़ने के लिए तालाब पर जाता हैं | महेश ने तालाब में मछलियाँ पकड़ने का जाल बिछाया | तालाब में फेंका थोड़ी देर में उस जाल में बोहोत सारी छोटी छोटी मछलियाँ फंस गयी | लेकिन महेश ने सोचा इन छोटी मछलियों का में क्या करूँगा मुझे तो एक ही बड़ी मछली पकड़कर जादा दाम कमाने थे | महेश ने सोचा मेरे पास तो पुरा दिन पड़ा हैं |

Short Stories for Kids in Hindi
महेश उन मछलियों को तालाब में छोड़कर बड़ी मछली पकड़नेके लिए तालाब में जाल डालता हैं | इंतज़ार करते करते दोपहर हो जाती हैं लेकिन महेश को बड़ी मछली नहीं मिलती | उसके जाल में छोटी मछलियाँ ही फंस जाती हैं | बड़ी मछली के इन्तजार में दोपहर से शाम हो जाती हैं और शाम से रात लेकिन महेश को बड़ी मछली नहीं मिलती | थके हारे महेश को खाली हाथ घर लोटना पड़ता हैं और उस दिन महेश और उसके परिवार को भूका ही रहना पड़ता हैं | दोस्तों इस कहानी से हमें यह सिख मिलती हैं की जीवन में किसी भी चीज का जादा लालच नहीं करना चाहिए ( जीवन में हमें जो भी मिलता हैं जितना भी मिलता हैं उसमे हमेशा खुश होना चाहिए ज्यादा लालच के कारन खुशियोंको खोना नहीं चाहिए )